राजभाषा हिंदी (14, सितंबर- राजभाषा दिवस के अवसर पर)
राजभाषा हिंदी (14, सितंबर- राजभाषा दिवस के अवसर पर)
डा. बी.विश्वनाथाचारी
भाषा मन की भावनावों को व्यक्त करने का माध्यम है । पहले पहल संसार में बहुत कम भाषाएँ थीं ।
धीरे धीरे इन भाषाओं की संख्या बढ गई और ये कई भाषाई परिवारों में विभाजित की गईं । हमारे देश मेंं मुख्यतः दाे भाषा परिवार की भाषाएँ हैं । 1. द्रविड भाषा परिवार की भाषाएँ :- तमिल, तेलुगु, कऩ्नड, मलयालम 2. इंडो - यूरोपीय भाषा परिवार की भाषाएँ :- संस्कृत, हिंदी, पंजाबी, नेपाली । इंडो- यूरोपीय भाषा परिवार में लैटिन, अंग्रेेजी, जर्मन भी शामिल हैं । अतः हिंदी, संस्कृत, लैटिन, जर्मन, अंंग्रेजी भाषाओं के शब्द मिलते जुलते हैं । उदाहरण के तौर पर नीचे दिये गए शब्दों को देखने से उपरोक्त विषय स्पष्ट होता है ।
हिंदी संस्कृत लैटिन जर्मन अंग्रेजी
माता मातृ मातेर मुटेर मदर
पिता पितृ पातेर फाटर फादर
भाई भातृ फ्रातेर ब्रूडर ब्रदर
हमारे देश में संस्कृत को देव भाषा मानते है । इसकी लिपि देवनागरी है । संस्कृत के साथ हिंदी,मराठी. नेपाली भाषाओं की लिपि भी देवनागरी ही है ।
भारत देश में अधिक लोगों से बोली जानेवाली हिंदी, देश के भिन्न भिन्न प्रातों में भिऩ्न भिन्न रूपों में विकसित हुई । प्राचीन हिंदी साहित्य में तुलसीदास का ' रामचरित मानस ' काव्य प्रसिद्ध है । इस में लिखी गई हिंदी को अवधि भाषा कहते हैं । इसी प्रकार सूरदास ने ' सूर सागर ' को ब्रज भाषा में लिखा । आधुनिक काल में महावीर प्रसाद द्विवेदी ने खडी बोली को स्वीकर किया और उसे साहित्यक हिंदी का रूप दिया । हिंदी के लिए लिपि नहीं होने के कारण हिंदी की लिपि देवनागरी बनी ।
भारत में पहले संस्कृत राजभाषा थी । प्राचीन वैदिक साहित्य की भाषा संस्कृत थी । उस समय के राजाओं ने संस्कृत विद्वानों को बहुत आदर करते थे । कालिदास, भवभूति, दंडि आदि कवियों ने संस्कृत साहित्य को परिपुष्ट किया । उस समय में सभी काव्य संस्कृत में होने के कारण सभी भारतीय भाषाओं पर संस्कृत साहित्य का प्रभाव पडा ।
तदुपरांत मुगल शासकों के समय में अरबी, फारसी,उर्दू भाषाओं को आदर मिला । संस्कृत के स्थान पर
अरबी, फारसी,उर्दू भाषाएँ राजभाषा बनी । तदुपरांत आये अंग्रेजों के शासन काल में अंग्रेजी राजभाषा बनी । इस प्रकार 600 साल के मुगल शासन काल में एवं 300 साल के अंग्रेजों के शासन काल में लोग भारतीय भाषाओं के साथ उर्दू , अरबी, फारसी एवं अंग्रेजी भाषाओं को भी सीखने लगे । इस काल में विदेशी भाषाओं के साथ विदेशी संस्कृति भी यहाँ प्रचलित होने लगी । खासकर अंग्रेेजों के शासन काल में अंग्रेजी रोजी-रोटी की भाषा बन गई । सरकारी नौकरियों के लिए लोगों ने अंग्रेजी पढना प्रारंभ किया ।
राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी ने भिऩ्न भाषी भारतीय जनता को एकत्रित करने के लिए, उऩ्हे एक मंच पर लाने के लिए हिंदी को राष्ट्रभाषा का रूप दिया । सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मदन मोहन मालवीय एवं उस समय के सभी राष्ट्रीय नेताओं ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया और हिंदी प्रचार पर जोर दिया । इस प्रकार जनता में राष्ट्रीय भावना जगाने मे हिंदी अहम भूमिका निभाई ।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान सभा ने 14, सितंबर 1949 को हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा दिया । इस अवसर पर जवहर लाल नेहरू ने कहा था - ' हिंदी को किसी भाषाई श्रेष्टता के कारण अखिल भारतीय भाषा बनाया गया । बल्कि इसलिए बनाया गया कि यह देश के अधिकांश भागों में फैली हुई है । साथ ही सीखने में अधिक आसान है । '
26 जनवरी,1950 को हिंदी ' संघ की राजभाषा ' के रूप में अमल में लाया गया । संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी संघ की राजभाषा होगी और लिपि देवनागरी होगी ।संविधान लागू होने से 15 साल तक अंगेजी भी राजभाषा के रूप में जारी रहेगी । तदुपरांत संसद में 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित किया गया । 1967 में उसमे कतिपय संशोधन करने पडे । 1976 में राजभाषा नियम बने । इन सभी प्रयासों के बावजूद आज भी अंग्रेजी सह राजभाषा के रूप में सुस्थिर है ।
राजभाषा हिंदी के विकास के लिए भारत सरकार ने अथक प्रयास कर रही है । राजभाषा विभाग के केंद्रीय निदेशालय, नई दिल्ली, हिंदी प्रशिक्षण संस्थान , केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो . हिंदी शिक्षण योजना आदी संस्थाएँ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के हिंदी भाषा, हिंदी टाइप रैटिंग, हिंदी स्टेनोग्रफि, अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं और परीक्षाएँ चलाकर, उत्तीर्ण कर्मचारियों प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं । इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण कर्मचारियों को नकद पुरस्कार एवं वैयक्तिक वेतन वृद्धि मिलते हैं ।
हर वर्ष 14, सितंबर को, पूरे देश में सभी केंद्र सरकार के कार्यालयोे एवं संस्थाओं में हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवाडा, हिंदी माह आदि मनाया जाते हैं । इस दिन, भारत देश के माननीय गृह मंत्री हिंदी की गरिमा के बारे में बताते हैं और केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में राजभाषा हिंदी का उत्तम कार्याऩ्वयन करने का संदेश देते हैं ।
राजभाषा दिवस के शुभ अवसर पर विद्यालयों, कालेज, विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए हिेंदी प्रतियोगिताएँ चलायी जाती हैं और पुरस्कार वितरित किये जाते हैं । सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजिक किये जाते हैं ।
सभी को राजभाषा दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ........14.09.2020
Comments
Post a Comment