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भारतीय संस्कृति की पहचान है.....मनोहर हिंदी ....
बी. विश्वनाथाचारी
तुम देवभाषा संस्कृत की प्रथम पुत्री हो
तुम भारतीय भाषाओं में अनमोल निधि हो
तुम तुलसी के रामचरित मानस से धन्य हो
तुम सूर के सागर तरंंग से रम्य हो
तुम मीरा के मनाेहर पदों से पावन हो
तुम अमीर खुसरो के मधुवन में सुरबाला हो
तुम राष्ट्रभाषा के रूप में भारतीय संस्कृति की पहचान हो
तुम राजभाषा के रूप में भारतीय भावना का वाहक हो ।
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