भारतवासी

                                                                                          बी. विश्वनाथाचारी

 तारीफ करो तारीफ करो इस पुण्य धरती की

तारीफ करो तारीफ करो इस वीर जाति की

हम जन्म लिये इसकी गोद में

हम बडे हुए हैं इसकी छाती पर

हम विदा लेंगे इसके चरणों से 

 

हे भारतवासी.. उधर देखो

बलिदान किये अपने प्राणों को

भारत माता की सेवा में

तारीफ करो उनकी तारीफ करो   


इस पावन धरती पर खिल उठे

अठारह भाषाएँ फूल जैसे

उनके बीच में सब फूलों के रिश्ते

जनता को जोडनेवाली राजभाषा एवं

राष्ट्रभाषा हिंदी फूल विराजमान हँसते  

 

देखो... उधर देखो

क्या हो रहा है   आज

भिन्न भाषावाले भिन्न धर्मवाले भाइयों

सदा रहे आपस में लड़ते

तरह तरह के दुरभिमान के भ्रम में

 तारीफ करो तारीफ करो इस पुण्य धरती की

तारीफ करो तारीफ करो इस वीर जाति की  



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